Tuesday, February 26, 2019

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बाद क्या बोले पीएम मोदी और अमित शाह?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राजस्थान के चुरु में एक जनसभा के दौरान पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में भारतीय वायुसेना के हमले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है.

जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने साल 2014 के चुनावी वादों को दोहराया, 'चुरु की धरती से मैं ये कहना चाहूंगा कि देश सुरक्षित हाथों में है...साल 2014 में, विजय शंखनाद युवा संगम के दौरान मैं मैंने अपनी आत्मा की बात आप सबके सामने रखी थी. मैं 2014 की बात कर रहा हूं. मेरी आत्मा कहती है - आज का दिवस, उस बात को फिर से दोहराने का दिवस है. चुरु की धरती से मैं फिर से एक बार 2014 के मेरे इन शब्दों को मां भारती के वीरों को नमन करते हुए आज मैं फ़िर से दोहरा रहा हूं.'

'सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं रुकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा. मेरा वचन है, भारत मां को, तेरा शीष झुकने नहीं दूंगा. जाग रहा देश है, देश मेरा, हर भारतवासी जीतेगा, सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा. देशवासियों हमें फिर से दोहराना है और खुद को याद दिलाना है. न भटकेंगे, न अटकेंगे, कुछ भी हो, हम देश नहीं झुकने देंगे. मैं देश नहीं मिटने दूंगा. आज के इस दिन पर, फिर एक बार, ये प्रधानसेवक नमन करता है'

राजस्थान में रैली के बाद पीएम मोदी दिल्ली पहुंचे और दिल्ली मेट्रो की सवारी कर इस्कान टैंपल पहुंचे जहां उन्होंने सबसे बड़ी गीता का विमोचन किया.

क्या बोले अमित शाह?
वहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बालाकोट हमले पर खुलकर टिप्पणी दी है कि ये कार्रवाई नए भारत की इच्छाशक्ति को दर्शाती.

इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट किया है, "भारत की जाबांज सेना को उनकी बहादुरी और वीरता के लिए बधाई देता हूँ और उन्हें सलाम करता हूँ. आज की कार्रवाई ने यह पुनः साबित किया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व में भारत सुरक्षित है."

ओआईसी सदस्य देशों में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, मोरक्को, ट्यूनिशिया और मिस्र जैसे देशों से भारत के द्विपक्षीय कारोबार और निवेश वाले संबंध काफी बेहतर हैं. अरब खाड़ी में करबी 60 लाख भारतीय रहते हैं और काम करते हैं, जिनमें आधे सऊदी अरब में रहते हैं.

इन लोग अपने देश में जितना पैसा भेजते हैं वह भारत के सालाना बजट का करीब 40 फ़ीसदी होता है. जबकि हर साल करीब डेढ़ लाख भारतीय मुसलमान मक्का मदीना की यात्रा करते हैं. खाड़ी देशों के लिए भारत निवेश का बेहतरीन ठिकाना माना जाता है. जबकि ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इराक भारत को तेल आपूर्ति करने वाले अहम देश हैं.

क्या मिल रहा है संकेत
भारत ने सूडान, सीरिया, ओमान और क़तर में पेट्रोलियम से जुड़े वेंचरों में निवेश किया है ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था को पेट्रोलियम मिलता रहे.

सीरिया और यमन के बीच जिस तरह से संघर्ष बढ़ रहा है और अरब देश जिस तरह से दो धुरी में तब्दील होते जा रहे हैं, जिसमें एक तरफ तो सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हैं और दूसरी तरफ़ क़तर है. हालांकि भारत की नीति अरब देशों के बीच दखल नहीं देने की रही है, लेकिन माना जा रहा है कि राजनीतिक तौर पर आपसी सहयोग लगातार बढ़ रहा है.

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संयुक्त अरब अमीरात के आमंत्रण के मुताबिक भारतीय विदेश मंत्री को ओआईसी के उद्घाटन संत्र में संबोधन देना है जो एक तरह से भारत के संयुक्त अरब अमीरात के साथ ही नहीं बल्कि इस्लामिक देशों के साथ संबंधों का सूचक है.

ओआईसी देशों से भारत को जो चुनौती मिल सकती है, उसे संबोधित करने के लिहाज़ से ये भारत के सामने पहला अवसर होगा. ओआईसी के सदस्य देश कैसे काम करते हैं, इसे एक बार में बदलना तो संभव नहीं होगा लेकिन उस पर असर डाला जा सकता है.

हालांकि मोदी सरकार और भारत, दोनों के लिए ये किसी जोख़िम से कम नहीं होगा. हालांकि इसमें कामयाब होने पर यह जम्मू और कश्मीर की स्थिति और इस्लामिक देशों से भारत के रिश्ते दोनों को प्रभावित करेगा.

Wednesday, February 20, 2019

कुलभूषण जाधव मामला: अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत ने किया मुंबई हमले और कसाब का ज़िक्र

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपनी दलीलें पूरी कर ली हैं. हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के मुख्यालय में इस चार दिवसीय सुनवाई की शुरुआत सोमवार से हुई.

भारत और पाकिस्तान ऐसे वक़्त में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में आमने-सामने हैं जब दोनों देशों के बीच भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद पहले से ही काफ़ी तनाव है.

अदालत में भारत का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत के फ़ैसले को रद्द करने, सिविल कोर्ट में मामले की निष्पक्ष सुनवाई और कुलभूषण जाधव को कांसुलर (दूतावास के अधिकारी से मिलने की अनुमति) की पूरी पहुंच दिलाने की अपील की.

पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और आंतकवाद के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई है.

जाधव को साल 2016 में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ़्तार किया गया था. उन पर पाकिस्तानी सैन्य अदालत में मुक़दमा चला और मौत की सज़ाई सुनाई गई.

भारत ने की तुरंत रिहाई की मांग
सुनवाई के पहले दौर में भारतीय वकील हरीश साल्वे ने अदालत से जाधव की मौत की सज़ा माफ़ करने और उन्हें तत्काल रिहा किए जाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से पास जाधव को दोषी ठहराने के लिए उनके 'जबरन इक़बालिया बयान' के अलावा कोई और सबूत नहीं है.

साल्वे ने ये भी कहा कि पाकिस्तान अपनी अंतरराष्ट्रीय जांच से ध्यान भटकाने के लिए कुलभूषण जाधव को मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहा है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई को बेपटरी करने की नाकाम कोशिशें भी कर चुका है.

साल्वे ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत का ज़िक्र करते हुए कहा कि कोई देश अपने यहां के क़ानून का हवाला देकर अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन नहीं कर सकता.

हरीश साल्वे ने कहा कि कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई को चार-पांच महीनों में पूरी कर ली गई. उन्होंने सवाल किया, "मुंबई आतंकी हमलों में मारे गए 150 लोगों का क्या हुआ?"

इसके अलावा साल्वे ने न्यायिक समीक्षा की व्याख्या करते हुए भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजमल कसाब मामले की सुनवाई का उल्लेख किया.

उन्होंने कहा, "कसाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सज़ा को ध्यान में रखते हुए निचली अदालतों में पेश किए गए इसके बुनियादी साक्ष्यों की भी जांच की थी. असल मायने में इसे न्यायिक समीक्षा कहते हैं."

वहीं, पाकिस्तान ने भारत की दलीलों के जवाब में कहा कि जाधव की रिहाई की भारत की मांग 'अजीब' है.

हरीश साल्वे ने सुनवाई के दौरान अदालत का इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि पाकिस्तान की ओर से पेशी में 'बेशर्म' और 'घमंडी' जैसे शब्दों का बार-बार ज़िक्र किया गया है.

साल्वे ने कहा, "भारत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपमानित किए जाने पर आपत्ति जताता है. हालांकि भारतीय संस्कृति मुझे ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल करने से रोकती है..."

फ़िलहाल अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में यह सुनवाई दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई है.

अदालत अब पाकिस्तान के दूसरे दौर की मौखिक पेशी और आख़िरी दलीलें गुरुवार को सुनेगी.

भारत के जवाब में पाकिस्तान को 90 मिनट में अपनी बात रखनी होगी. जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फ़ैसला इसी साल मई-जून में आने की संभावना है.

Thursday, February 14, 2019

क्या उरी की तरह लिया जाएगा पुलवामा का बदला, फिर होगी सर्जिकल स्ट्राइक?

कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले ने पूरे देश को दहला दिया है. पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के इशारे पर हुए इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पड़ोसी मुल्क अपनी नापाक हरकतों से मानने वाला नहीं है. 2016 में उरी में हुए हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को जरूर मुंहतोड़ जवाब दे दिया गया था, लेकिन इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. वहीं बीजेपी ने कहा है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान का क्या हश्र होने वाला है, इसका उन्हें अंदाजा नहीं है. ऐसे में माना जा रहा कि मोदी सरकार एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट टू के जरिए पड़ोस में पल रहे आतंक के फन को कुचल सकती है. 

राजनाथ लखनऊ से लौटे दिल्ली, एक्शन में अजीत डोवाल

पुलावामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले के फौरन बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से दिल्ली पहुंच गए हैं. उन्होंने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से पूरी जानकारी ली. उन्होंने सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर से पूरे हालात की रिपोर्ट ली है. राजनाथ अब कल श्रीनगर जाएंगे. दूसरी तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. सीआरपीएफ से अधिकारियों से वे पूरी जानकारी ले रहे हैं.

गौरतलब है कि 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक अजीत डोवाल की निगरानी में ही की गई थी. उन्होंने इस पूरे ऑपरेशन की रूपरेखा तय की थी. इस ऑपरेशन को इतना खुफिया रखा गया था कि किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगी थी.

संबित पात्रा बोले- पाकिस्तान को उसके हश्र का अंदाजा नहीं

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि भारत की सरकार और भारत की जनता को पाकिस्तान ने ललकारा है. आने वाले दिनों में पाकिस्तान का क्या हश्र होने वाला है, इसका उन्हें अंदाजा नहीं है. पाकिस्तान को पिछली बार सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए मजा चखाया गया था. उनके आतंकियों को तबाह किया था. पात्रा ने कहा कि आतंकियों को अब सीमा पर ही मार दिया जा रहा है. इसलिए वे बुरी तरह फ्रस्ट्रेट हैं.

जब उरी में हमले से दहल गया था देश

18 सितंबर 2016 को आतंकियों ने उरी में बड़ा हमला किया था. अपने कैंप में सो रहे निहत्थे सैनिकों को आतंकियों ने निशाना बनाया था. इस हमले में 19 जवान शहीद हुए थे. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. मोदी सरकार ने तभी कहा था कि आतंकियों को इसका जवाब दिया जाएगा. 10 दिन तक छाई चुप्पी ने पूरे देश को बेचैन कर दिया था. लेकिन मोदी सरकार ने इसी बीच बड़ी खुफिया तैयारी की, जिसका अंजाम 30 सितंबर को पूरी दुनिया ने देखा.  28-29 की दरम्यानी रात को पीओके में तीन किलोमीटर अंदर घुसकर भारतीय सेना ने आतंकियों के कैंपों को उड़ा दिया था. भारतीय सेना के बहादुर स्पेशल फोर्सेज के 7 दस्तों ने इस पूरे ऑपरेशन को बखूबी अंजाम दिया. बिना किसी जवान को खोए दुश्मन के घर घुसकर भारतीय रणबांकुरों ने 50 से अधिक आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया था.

Thursday, February 7, 2019

春节:穆斯林世界华人如何庆祝敏感“猪”年

农历新年将至,除了中国外,韩国丶越南丶印度尼西亚及新加坡、马来西亚等国家把农历新年定为假期。全球华人欢庆猪年到来,购物商场也换上新布置,充满过节气氛,但在马来西亚首都吉隆坡却几乎看不到和猪有关的装饰。

对“猪”敏感
吉隆坡居民安琪向BBC中文表示,往年各个购物广场都会以该年生肖作为装饰主题,今年却没看到任何商场以猪作为装饰,取而代之的是则是花圈丶灯笼或各籍贯的文化特色。她无奈的说,“商家卖的红包袋没有和有猪有关的设计,就连猪娃娃也看不到。”

另外,据了解,马来西亚邮政公司过去每年会推出生肖邮票,狗年推出“工作犬邮票”,猪年则未推出与猪相关的邮票,改为发行节庆邮票。

马来西亚有六成人口是穆斯林,民事法庭与回教法庭并存,实施伊斯兰教法,对于穆斯林而言,猪是不洁的动物,因此穆斯林既不能触摸,也不食用猪肉。华裔约有700万人,是继马来人后的第二大民族,占总人口数23.2%。

猪年谈猪:中西方文化对“猪”的误解与趣闻
台湾人过新年:走一趟台北年货大街
马来西亚乡音考古工作者张吉安分析,过去这十年来,前朝政府,前马来西亚首相纳吉布执政时,常以宗教手段或政策分化马来人和华人,华人为了不惹麻烦,凡事都会以穆斯林作为第一考虑,而牺牲自身的传统文化。

他举例,像是印制农历月历的华人业者,每到狗年和猪年就不会在月历上印制动物图腾。他曾经询问业者,业者解释这是为了避免争议,才没有印制。

他强调,马来西亚政府并未禁止猪的图腾或肖像,但华人退让已经成了习惯,担心招惹争议,因此多一事不如少一事。张吉安对BBC中文说,“华人在文化上已经习惯退让,在别人没有审查你前就先自我审查,宛如台湾的白色恐怖时期,满可悲的。”

张吉安透露,他在1月26、27日所筹画的“茨厂街年味节”的新春市集,他刻意打扮成“猪八戒”,并在街上布置猪的图腾,就是要突破限制,希望华人能克服恐惧,让大家知道在马来西亚表现华人传统文化,其实没问题。

他说,“实现自己文化与习俗,却要考虑其他种族的想法。这并不是马来西亚多元文化的表现。”

事实上,在马来西亚不只他在文化上试图突破,沙巴州首府刚结束的亚庇艺术市集(Jesselton Artisan Market),有一对穆斯林夫妇因为贩售猪形状的艺术品而在社交媒体上爆红。

马来西亚媒体报导,该穆斯林夫妇希望透过这个方式,带动其他人了解伊斯兰教及穆斯林,加深彼此之间的认识,互相包容,进而消除对各自信仰和族群,因为误解所引起的纷争。

张吉安向BBC中文表示,马来西亚的年轻华人,对自我的身份认同感到疑惑,想要同时证明自己爱国,却有想要保留自身的民族与文化,因此在自我认同上,不断地在寻找跟抉择。