Thursday, November 22, 2018

सीपी जोशी ने पूछा, उमा, मोदी की जाति मालूम है किसी को; आज की पांच बड़ी ख़बरें

राजस्थान में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने विवादित बयान दिया है. अपने विधानसभा क्षेत्र नाथद्वारा में एक सभा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती की जाति और धर्म पर सवाल उठाते हुए दोनों पर निशाना साधा.

सीपी जोशी ने कहा, "उमा भारतीजी की जाति मालूम है किसी को? ऋतंभरा की क्या जाति है, मालूम है किसी को? इस देश में धर्म के बारे में कोई जानता है तो पंडित जानते हैं. अजीब देश हो गया. इस देश में उमा भारती लोधी समाज की हैं, वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं. साध्वीजी किस धर्म की हैं? वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं. नरेंद्र मोदीजी किसी धर्म के हैं, हिन्दू धर्म की बात कर रहे हैं. तो क्या ब्राह्मण किसी काम के नहीं हैं, 50 साल में इनकी अक्ल बाहर निकल गई."

बाद में सीपी जोशी ने ट्ववीट कर बीजेपी पर उनके बयान को तोड़-मोड़कर पेश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है, वो इसकी कड़ी निंदा करते हैं.

डिफॉल्टर्स पर शिकंजा
सरकारी बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ अब जानबूझकर अपना कर्ज नहीं चुकाने वाले (विलफुल डिफॉल्टर्स) के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं.

केंद्र सरकार ने भगोड़ों पर लगाम कसने के लिए एक नया फ़ैसला किया है.

गृह मंत्रालय ने हाल ही में सर्कुलर में बदलाव करते हुए सरकारी बैंकों के सीईओ को उन अधिकारियों की लिस्ट में शामिल कर दिया है, जो मंत्रालय से किसी भी फ्रॉड करने वाले के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं, भले ही डिफॉल्टर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ हुई हो या नहीं.

सीमा मुद्दे पर भारत-चीन के बीच बातचीत
भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे को लेकर 21वें दौर की बातचीत चीन के चेंगदू सिटी के दुजियांगयान में शुक्रवार से शुरू होगी.

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी के बीच दो दिन सीमा को लेकर चर्चा करेंगे. बातचीत को लेकर चीन ने अच्छे संकेत दिए हैं.

भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर विवाद है. चीन अरुणाचल प्रदेश को अपने दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है. अधिकारियों ने बताया कि इस चरण की वार्ता व्यापार और सीमा पर शांति बरकरार रखने पर हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा पर केंद्रित है.

Monday, November 12, 2018

साहित्य आज तक 2018: इस साल और भी बड़ा, और भी भव्य

इस साल भी साहित्य का महाकुंभ दिल्ली के इंडिया गेट स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 16, 17 और 18 नवंबर को आयोजित हो रहा है. साहित्यप्रेमी यह जान लें कि साहित्य का यह महाकुंभ इस बार सौ के करीब सत्रों में बंटा है, जिसमें 200 से भी अधिक विद्वान, कवि, लेखक, संगीतकार, अभिनेता, प्रकाशक, कलाकार, व्यंग्यकार और समीक्षक हिस्सा ले रहे हैं.

साहित्य आज तक' फिर लौट आया है. इसके साथ ही नवंबर के मध्य में राजधानी में फिर से सज रहा है साहित्य के सितारों का महाकुंभ. तीन दिनों के इस जलसे में हर दिन साहित्य और कलाप्रेमी देख और सुन सकेंगे शब्द, कला, कविता, संगीत, नाटक, सियासत और संस्कृति से जुड़ी उन हस्तियों को, जिन्हें उन्होंने अब तक केवल पढ़ा है, या परदे पर देखा है. खास बात यह कि आने वाले हर साल के साथ साहित्य का यह जलसा अपने पिछले आयोजनों की तुलना में ज्यादा बड़ा और ज्यादा भव्य होता जा रहा है. ‘साहित्य आज तक’ दूसरे साहित्यिक आयोजनों से अलग अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है. हिंदी समाचार चैनल ‘आजतक’  की ओर से आयोजित साहित्य के इस महाकुंभ का यह तीसरा साल है. पिछले सालों की तरह इस साल भी यह महाकुंभ दिल्ली के इंडिया गेट स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 16, 17 और 18 नवंबर को आयोजित हो रहा है.

गायन, वादन और मुशायरे से सजेगी शाम

साहित्य के महाकुंभ के रूप में स्थापित हो चुका 'साहित्य आज तक' देश में आयोजित होने वाले किसी भी साहित्यिक मेले से बड़ा है. इसमें हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, अवधी, भोजपुरी, पंजाबी साहित्य और कला से जुड़ी बड़ी हस्तियां तो जुट ही रही हैं, अब दूसरी भारतीय भाषाओं और विधाओं के दिग्गज भी उत्सुकता दिखा रहे हैं. इसीलिए इस बार हमने इस आयोजन का फलक थोड़ा और बड़ा कर दिया गया है, ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया है, सेशन बढ़ाए गए हैं ताकि श्रोता, साहित्य और कला प्रेमी इस उत्सव का अधिक से अधिक आनंद उठा सकें.

कार्यक्रम में हिस्सा लेने के ल‍िए यहां रज‍िस्टर करें...

हालांकि हमने कार्यक्रम के फॉर्मेट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है और हर बार की तरह इस साल भी कला, सिनेमा, संगीत, थिएटर, राजनीति और संस्कृति से जुड़े दिग्गजों से टेलीविजन के बड़े एंकर उनकी किताबों, प्रस्तुतियों, काम, समसामयिक विषयों पर खुले मंच पर चर्चा करेंगे. इस दौरान नाट्य, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी रखी गई हैं. गायन, वादन, कहानी पाठ के अलावा यहां मुशायरा और कवि सम्मेलन भी होगा.

सौ सत्रों में बंटा ‘साहित्य आज तक’ 

हालांकि ‘साहित्य आज तक’ का कार्यक्रम विवरण आने वाले दिनों में एक एक करके आपके सामने रखा जाएगा, पर साहित्यप्रेमी यह जान लें कि साहित्य का यह महाकुंभ इस बार सौ के करीब सत्रों में बंटा है, जिसमें 200 से भी अधिक विद्वान, कवि, लेखक, संगीतकार, अभिनेता, प्रकाशक, कलाकार, व्यंग्यकार और समीक्षक हिस्सा ले रहे हैं. इन लोगों में अन्नू कपूर, वडाली ब्रदर्स फेम उस्ताद पूरन चंद वडाली जी, उस्ताद राशिद खान, नूरा सिस्टर्स से लेकर शेखर सुमन, दीप्ति नवल, गिन्नी माही, नरेंद्र कोहली से लेकर सुरेंद्र मोहन पाठक, राहत इंदोरी से लेकर डॉ हरिओम पंवार, जयराम रमेश से लेकर मनोज तिवारी तक होंगे......पर ये तो चंद नाम हैं. किस दिन, किेस-किस का कार्यक्रम है, इसे जानने के लिए आप सुधी साहित्य और कलाप्रेमियों को हमसे जुड़ना होगा.

याद रहे कि साल 2016 में पहली बार 'साहित्य आजतक' की शुरुआत हुई थी. उस साल यह मेला दो दिवसीय था और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर ऑफ आर्ट्स में ही 12 और 13 नवंबर को हुआ था. तब 'साहित्य आजतक' के मंच पर पहली बार भारतीय साहित्य के दिग्गज विद्वान, कवि, लेखक, संगीतकार, अभिनेता, और अन्य कलाकार एक साथ पर नजर आए थे. पहले साल के कार्यक्रम में जावेद अख्तर, अनुपम खेर, कुमार विश्वास, प्रसून जोशी, पीयूष मिश्रा, अनुराग कश्यप, चेतन भगत, आशुतोष राणा, कपिल सिब्बल, नजीब जंग, हंस राज हंस, मनोज तिवारी, अनुजा चौहान, रविंदर सिंह, चित्रा मुदगल, अशोक वाजपेयी, केदार नाथ सिंह, उदय प्रकाश, मालिनी अवस्थी, दारेन शाहिदी, उदय माहुरकर, हरिओम पंवार, अशोक चक्रधर, पॉपुलर मेरठी, गोविंद व्यास, राहत इंदौरी, नवाज देवबंदी, राजेश रेड्डी, स्वानंद किरकिरे, नासिरा शर्मा, मैत्रेयी पुष्पा, शाज़ी ज़मां और देवदत्त पटनायक जैसी हस्तियां शामिल हुई थीं. तब साहित्यिक सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटकों के मंचन के साथ नए लेखकों को अपनी रचनाएं पेश करने का मौका भी दिया गया था, जिसके लिए भारी ईनाम रखा गया था.